भारत का गणतंत्र दिवस
**भारत का गणतंत्र दिवस: लोकतंत्र की अद्भुत यात्रा का प्रतीक**
भारत का गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को पूरे देश में बड़े ही उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। यह दिन भारत के संविधान के लागू होने और देश को एक गणराज्य के रूप में स्थापित किए जाने का प्रतीक है। 26 जनवरी 1950 को भारत ने अपने लोकतांत्रिक स्वरूप को अपनाया, और इसी के साथ यह दिन देश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया।
गणतंत्र दिवस केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं, बल्कि यह भारत के लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों का उत्सव है। यह दिन न केवल हमारे संविधान निर्माताओं के प्रति सम्मान व्यक्त करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में भारत ने दुनिया को क्या संदेश दिया है।
### **गणतंत्र दिवस का इतिहास**
भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली, लेकिन उस समय देश का संविधान नहीं था। स्वतंत्रता के बाद, भारत सरकार का संचालन 1935 के भारत सरकार अधिनियम के अनुसार हो रहा था। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश को अपना एक संविधान चाहिए था, जो न केवल भारत के नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और न्याय प्रदान करे, बल्कि उन्हें एक मजबूत लोकतंत्र का हिस्सा भी बनाए।
9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक हुई, और 29 अगस्त 1947 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन किया गया। लगभग दो साल, 11 महीने और 18 दिनों के कठोर परिश्रम के बाद 26 नवंबर 1949 को संविधान तैयार हुआ और इसे अपनाया गया। हालांकि, इसे पूरी तरह लागू करने के लिए 26 जनवरी 1950 का दिन चुना गया।
26 जनवरी का चयन इसलिए किया गया क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) का संकल्प लिया था। इस प्रकार, इस ऐतिहासिक दिन को संविधान लागू करने के लिए चुना गया, और भारत आधिकारिक तौर पर एक गणराज्य बना।
### **गणतंत्र दिवस का महत्व**
गणतंत्र दिवस का महत्व केवल राष्ट्रीय पर्व तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली और संविधान के महत्व को भी दर्शाता है। यह दिन नागरिकों को यह याद दिलाता है कि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों और कर्तव्यों का पालन करना हर भारतीय का कर्तव्य है।
भारत का संविधान न केवल विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, बल्कि यह विभिन्न संस्कृति, धर्म और भाषाओं के बावजूद पूरे देश को एक सूत्र में बांधने वाला एक अद्वितीय दस्तावेज़ भी है। यह दिन भारत की विविधता में एकता को भी दर्शाता है, जो विश्वभर में भारतीय गणराज्य को एक अलग पहचान देता है।
### **गणतंत्र दिवस का उत्सव**
भारत में गणतंत्र दिवस का मुख्य कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में आयोजित होता है। यह आयोजन राष्ट्रपति की उपस्थिति में राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर होता है। इस अवसर पर एक भव्य परेड आयोजित की जाती है, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता, सैन्य ताकत और प्रगति का प्रदर्शन करती है।
परेड का मुख्य आकर्षण भारत की तीनों सेनाओं (थल सेना, वायु सेना, और नौसेना) द्वारा किया जाने वाला प्रदर्शन होता है। इसके साथ ही, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां भी परेड में शामिल होती हैं, जो उनकी विशिष्ट संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती हैं। भारतीय वायु सेना के विमान द्वारा किया जाने वाला हवाई करतब परेड का समापन करता है और यह दर्शकों के लिए अद्भुत अनुभव होता है।
गणतंत्र दिवस के दिन देश के वीर सपूतों को उनकी वीरता और योगदान के लिए पुरस्कार और सम्मान भी प्रदान किए जाते हैं। इसमें परमवीर चक्र, अशोक चक्र और वीरता पुरस्कार जैसे सम्मानों का वितरण किया जाता है। बच्चों को भी उनकी अद्भुत उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार दिए जाते हैं।
### **सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन**
गणतंत्र दिवस की परेड भारत की सांस्कृतिक विविधता का एक जीवंत प्रदर्शन है। इसमें प्रत्येक राज्य अपनी संस्कृति, परंपरा, और इतिहास को अपनी झांकियों के माध्यम से प्रस्तुत करता है। यह विभिन्न धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के साथ भारत की अद्वितीय एकता को दर्शाता है।
परेड में शामिल लोक नृत्य, पारंपरिक संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां न केवल भारत के विविधता भरे इतिहास को जीवंत करती हैं, बल्कि यह दुनिया के सामने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को भी प्रदर्शित करती हैं।
### **आधुनिक भारत की झलक**
गणतंत्र दिवस परेड में भारत की आधुनिकता और प्रगति को भी प्रदर्शित किया जाता है। इसमें विभिन्न सरकारी विभागों और संस्थानों द्वारा उनकी उपलब्धियों को दिखाने वाली झांकियां शामिल होती हैं।
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